स्टॉक
मार्किट में निवेश
और ट्रेडिंग मैं क्या अंतर है
स्टॉक मार्किट मैं निवेश और ट्रेडिंग दोनों तरीके से पैसा कमाया जाता है लेकिन दोनों मैं कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते है
निवेश ( इन्वेस्टमेंट) :
स्टॉक मार्किट मैं जो लोग
निवेश करते हैं उनकी
सोच दीर्घकालीन होती है ये निवेशक अपने
निवेश को लम्बे समय
तक के लिए निवेश
करते हैं ये
निवेश कई सालो या
दशकों के लिए हो
सकता है निवेशक उन
कंपनी मैं पैसा लगते
हैं जिन मैं दीर्घकालीन
वृद्धि की संभावना होती
है इन्वेस्टमेंट को हम एक
क्रिकेट के टेस्ट मैच
की तरह से देख
सकते हैं जिस मैं
की खिलाडी को लम्बे समय
तक पिच पैर खड़ा
होना पड़ता है जित
ने लम्बे समय तक पिच
पैर खिलाडी खेलता है उतना ही
रन बनने के चांस
जयादा होते हैं उसी तरह से
मार्किट मैं लम्बे समय तक निवेश करने से आप
को काफी मुनाफा होने
के चांस होते हैं
१. समय अवधि :एक अच्छा निवेशक
हमेश दीर्घकालीन निवेश मैं विश्वास रख
ता हैं जिस की
वजहे से वो अपनी
पूंजी को दोगुना या
तिगुना कर सके
आम तोर पे कई
सालों या दशकों के
लिए निवेशक उन कंपनियों में
पैसा लगाते हैं जिनमें वे
दीर्घकालिक वृद्धि की संभावना देखते
हैं।
२ उदेश्ये : निवेश का मुख्य उदेश्ये भविष्ये मैं वित्तीय स्थिरता प्राप्त करना होता हैं ये रेटियरमेंट बच्चों की शिक्षा या दीर्घकालीन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हो सकता हैं
३ जोखिम : निवेशक अपेक्षकृत कम जोखिम लेते हैं और एक अनुपातिक रिटर्न की उम्मीद करते हैं और उन कंपनी मैं निवेश करते हैं जिन की नीव मजबूत होती है
४. वित्तीय विश्लेषण : किसी भी कंपनी
मैं निवेश से पहले उस
कंपनी की वित्तीय स्थिति
का विश्लेषण किया जाता हैं
जिस मैं कंपनी की
बैलेंस शीट प्रॉफिट & लोस्स
कंपनी की फ्यूचर प्लानिंग
कंपनी का मैनेजमेंट सारी
चीजों का विश्लेषण करने
के बाद निश्चय किया
जाता हैं की कंपनी
मैं निवेश किया जाये या
नहीं
५. लाभ : निवेशक को डिविडेंट या कंपनी का शेयर प्राइज बढ़ने पर लाभ होता हैं
ट्रेडिंग :
१. समय अवधि : स्टॉक मार्किट मैं ट्रेडिंग हमेश
कम समय मैं होती
हैं ये कुछ मिनिट
या घंटे या कुछ
दिनों के लिए होती
हैं इस मैं सही
समय पैर एंट्री और
एग्जिट बहुत महत्व रखता
है
२. उदेश्य :ट्रेडिंग का मुख्य उदेश्य
स्टॉक के मूल्य मैं
आने वाले उतार चढ़ाव
से लाभ कामना होता
हैं
३.जोखिम: ट्रेडिंग मैं जोखिम निवेश
की अपेक्षा जयादा होता हैं इस
लिए इस मैं प्रॉफिट
और लोस्स भी ज्यादा ही
होता हैं
४. तकनीकी विश्लेषण : ट्रेडिंग मैं तकनिकी विश्लेषण
के लिए चार्ट पैटर्न
कैंडल और इंडीकेटर्स का
उपयोग किया जाता हैं
५. लाभ : ट्रेडिंग मैं छोटे छोटे
सौदे ले कर लाभ
बनाया जाता है जो
की ट्रेडर की सोच पर निर्भर
करता हैं की उसे
कब सौदा लेना हैं
और कब सौदा कट
करना हैं
सारांश
निवेश
: दीर्घकालीन दृष्टिकोण पैर आधारित हैं
जिस मैं अपेक्षाकृत कम
जोखिम ले कर लाभ
कमाया जाता हैं
ट्रेडिंग
: अल्प समय मैं मूल्य
मैं होने वाले उतार
चढ़ाव से लाभ कमाया
जाता हैं इस मैं
जोखिम जयादा रहता हैं
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